{ फलों का राजा आम }
गर्मियों के साथ-साथ हर किसी को आम का इन्तजार रहता है। दुनियां भर में सबसे ज्यादा आम की पैदावार भारतवर्ष में होती है। आम को भारत का राष्ट्रीय फल भी कहा जाता है। आम को फलों का राजा कहा गया है क्योंकि इसमे पाये जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते है। इसमें कई तरह पाॅली-फेनोलिक एंटीआँक्सीडेंटस, प्री-बायोटिक डाइट्री फाइबर्स और मिनरल्स के साथ-साथ कई तरह के विटामिंस जैसे विटामिन-ए,सी और डी भरपूर मात्रा में पाये जाते है। आम में पाया जाने वाला बीटा-कैरोटिन हमारे शरीर को अनेक प्रकार के रोगों से बचाता है। आम में लगभग 20से भी ज्यादा मिनिरल्स और विटामिन्स होते है। भारत में आम की 100 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती है। जिनमें से कुछ किस्में प्रमुख है। जैसे चैसा, सफेदा, दशहरी, लंगड़ा, गंुलाब जामुन, कलमी मालदा आम आदि शामिल है। कच्चे आम की चटनी, आम का आचार, आम का पन्ना और मिठे आम का मैंगोशेक, रस, और जैम भी बना कर खाई जा सकती है।
*गर्मीयों का राजा जामुन बढ़ाये खून*
जामुन का फल गर्मीं के मौसम में शुरू होकर बरसात के अंत तक मिलता हैं। जामुन का फल आमतौर पर काले या गहरे गुलाबी रंग का होता है। आयुर्वेद कें अनुसार, जामुन में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। जामुन को अंग्रेजी में ब्लैक बैरी कहते है। जामुन के फायदे और स्वास्थय की द्दष्टि से कई विकारो को दूर करने के लिए आयुर्वेद में जामुन के फल, छाल, पत्तियों तथा बीजों का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही जामुन, खाना पचाने के साथ-साथ दांतो के लिए, आखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, काबाँहाइड्रेड भी होता है। इस कारण यह बच्चों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। वही जामुन की गुठली के अनेक फायदे है, जामुन का प्रयोग सिरका बनाने में किया जाता है जो कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। लू लग जाने पर जामुन उसे दूर करने में मदद करता है। इसको खानें से कैंसर, मुँह के छालों आदी रोगों से बचा जा सकता है। आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज के कंट्रोल के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। साथ ही किडनी स्टोन के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। जामुन में काला नमक मिला कर खाने से शरीर रोग मुक्त होता है, और चुस्त रहता है।
नाशपाती करे रोगों का नाश
गर्मीयों के मौसम में आने वाले फलो में से एक है नाशपाती इससे सभी लोग परिचित तो है, पर गुणों के बारे में कम ही लोग जानते है। नाशपाती में सभी प्राकृतिक विटामिन्स, खनिज, और द्रव्य मे घुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा मे पाए जाते है। गर्मी के मौसम में हमारे शरीर को शीतल पेय की जरूरत होती है। नाशपाती हमारे शरीर में पानी की कमी को पूरा करती है। इसका आकार सेब से मिलता-जुलता होता है और यह पेड़ पर घंटी की तरह लटकी होती है, इसे दैवीय उपहार भी समझा जाता है, इसमें इतने सारे औषधिय गुण होते है जो सीधे-सीधे हमारे स्वास्थय पर प्रभाव डालते है। नाशपाती के जैसा एक फल होता है बब्बूगोशा इन दोनो में र्फक होता है। नाशपाती का छिलका मोटा होता है, और बब्बूगोशे का छिलका पतला और मुलायम होता है। बब्बूगोशे को आप छिलके सहित खा सकते है, जबकी नाशपाती को हमेशा छील कर ही खाना चाहिए।
गर्मियों में नाशपाती के फ़ायदे :-
{ एक अनार सौ बिमार }
भारत में एक कहावत प्रचलित हैं एक अनार सौ बिमार यानी एक अनार से सौ बिमरीयों का इलाज किया जा सकता है। अनार का छिलका जितना कठोर होता है, अंदर से उतना ही मुलायम, स्वादिष्ट, और मिठा हौता है। अनार एक तरह का सुपर फूड़ है। अनार के फल, फूल, पत्ती सभी सेहत के लिए फायदेमंद होते है। विटामिन और खनिजों की भरपूर मात्रा होने के कारण यह कई तरह कि बिमारीयों को ठीक करने में अत्यनत लाभकारी होता है। डाॅक्टर भी कमजोरी दूर करने के लिए रोगी को आनार खाने कह सहलाह देते है। अनार का रस शरीर की प्रतिशा प्रणाली को मजबूत और कैंसर जैसे घातक बीमारी को ठीक करने में मदद करता है। इसमें लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, फोलेट, मैंगनीज, जिंक जैसे और भी अन्य पोषक तत्व मौजूद हैं। हवा, पित्त, कफ, की वजह से शरीर में हुए असंतुलन को ठीक करता है, हीमोग्लोबिन के गठन को बेहतर बनाता है। आए इस चमत्कारी अनार के अन्य गुण और फायदे जाने।
{आलूबुखारा एक गुणकारी फल }
आलूबुखारा एक बहुत ही स्वादिष्ठ फल है। यह इंग्लीश में प्लम के नाम से जाना जाता है। आलूबुखारे का पेड़ 4 से 5 मीटर ऊँचा होता है। यह ग्रीस और अरब देशो के आसपास के क्षेत्रों में बहुत होता है। भारतर्वष में भी आलूबुखारे की खेती होने लगी है। आलूबुखरे को ताजा या सुखाकर भी खाया जा सकता हैं, अच्छी तरह पकने पर यह फल खट्टा, मीठा, रूचिकर और शरीर को फायेदा पहुचाने वाला होता है। इसके सेवन से हाइब्लड प्रेशर, स्ट्रोक रिस्क आदि कम हो जाते हैं, शरीर में आयरन की मात्रा भी बढ़ जाती है। परन्तु इन्हे ज्यादा खाने से वायु रोग और दस्त आदी हो सकते है। आईए जाने इसके अन्य फायदें।
* पपीता खाने के अनेक फायदे *
पपीता एक ऐसा फल है जो आसानी से कहीं भी मिल जाता हैं। भारत में पपीते को पुर्तगाली लेकर आए थे। पपीते का असली फायदा पाने के लिए हमेशा पका पपीता ही खाना चाहिए। इसे आप घर के आस-पास थोड़ी सी जगह होने पर आसानी से लगा सकते हैं। पपीते की खासयित है कि ये मौसती फल न होकर सालभर मिलता है। पपीता को कच्चा या पका दोनो अवस्थाओं में खाया जा सकता है। ज्यादा तर लोग नाश्ते और फ्रूट सलाद में पपीते का प्रयोग करते हैं। पपीते का रस प्रोटीन को आसानी से पचा देता है, इसलिए पपीता पेट एवं आँत संबंधी बीमारियों में बुहत ही लाभकारी होता है। पपीते में पाया जाने वाला विटामिन ’ए’ त्वचा और नेत्रों के लिए बहुत लाभकारी होता है। पपीते पर सेंधा नमक लगाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है पेट संबंधी सारे विकार समाप्त होते हैं, कब्जियत की समस्या दूर होती है। पपीता हृदय के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, वायु दोष नाशक होता है मल-मूत्र के विकार को ठीक करता है। इसके अलावा पपीते में अनेक औषधीय गुण पाये जाते है।