*गर्मीयों का राजा जामुन बढ़ाये खून*
जामुन का फल गर्मीं के मौसम में शुरू होकर बरसात के अंत तक मिलता हैं। जामुन का फल आमतौर पर काले या गहरे गुलाबी रंग का होता है। आयुर्वेद कें अनुसार, जामुन में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। जामुन को अंग्रेजी में ब्लैक बैरी कहते है। जामुन के फायदे और स्वास्थय की द्दष्टि से कई विकारो को दूर करने के लिए आयुर्वेद में जामुन के फल, छाल, पत्तियों तथा बीजों का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही जामुन, खाना पचाने के साथ-साथ दांतो के लिए, आखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, काबाँहाइड्रेड भी होता है। इस कारण यह बच्चों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। वही जामुन की गुठली के अनेक फायदे है, जामुन का प्रयोग सिरका बनाने में किया जाता है जो कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। लू लग जाने पर जामुन उसे दूर करने में मदद करता है। इसको खानें से कैंसर, मुँह के छालों आदी रोगों से बचा जा सकता है। आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज के कंट्रोल के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। साथ ही किडनी स्टोन के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। जामुन में काला नमक मिला कर खाने से शरीर रोग मुक्त होता है, और चुस्त रहता है।
मुँह के छालों के लिए :-
पेट की गर्मी बढ़ने पर या खानपान के बदलाव के कारण अक्सर मुँह में छाले होने लगते हैं। मुँह के छाले होने के पर व्यक्ति को खाने पीने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे मेें जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने से मुँह के छालों को आराम मिलता है। जामुन की पत्तियों में जीवाणुरोधक गुण संक्रमण को रोकने में फायदेमंद होता है। अगर गले में दर्द है तो1-2 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से गले दर्द में आराम मिलता है। 10-15 मिली ग्राम जामुन का रस नियमित सेवन करने से गले की सभी प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है। ये चूर्ण आपको किसी भी आयुर्वेदिक की दुकान पर आसानी से मिल जाएगा।
बवासीर के लिए :-
पाइल्स यानी बवासीर एक ऐसी समस्या है। जो अधिकतर कब्ज के कारण होती है। बवासीर में मल के साथ खून आना व दर्द होने के कारण शरीर में थकावट जैसी समस्या हो सकती है। बवासीर होने पर जामुन के नई कोपलो का 20एम-एल रस में थोंड़ी सी शक्कर मिला कर दिन में तीन बार पीने से बवासीर में आने वाला खून बंद हो जाता है। इसके अलावा जामुन के 10 ग्राम पत्तों को गाय के दूध में अच्छे से घोट कर लगातार सात दिन तक पीने से मल के साथ खून आना बंद हो जाता है। लेकिन ज्यादातर बवासीर कब्ज के कारण होती है, इसलिए रोज सुबह खाना खाने के बाद जामुन खाने से पेट साफ रहता है और कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज के लिए :-
डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन की पत्तियां रामबाण का काम करती है। डायबिटीज के लिए जामुन की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा जामुन की गुठलियों को सुखाकर व पीसकर चूर्ण बनाकर दिन में दो बार लेने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। जामुन में अलेानोलिक एसीड तत्व पाया जाता है, जो शुगर को नियंत्रित रखता है। जिन लोगों को पेशाब अधिक आता है और प्यास अधिक लगती है, उन्हे जामुन जररू खाना चाहिए।
दातों और मसूड़ों के लिए :-
दातों और मसूड़ों के लिए जामुन की पत्तियां बहुत ही मददगार साबित होती है। जामुन की पत्तों की राख बनाकर उसका मंजन करने से मसूड़ों में खून आना या मसूड़ों में सूजन आदी की समस्या से छुटकारा मिलता है। जामुन के कोमल पत्तों को पानी में उबाल कर उस पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन में फायदा मिलता है। जामुन के पत्तें चबाने से मुंह की दुर्गंध खत्म होती है। पके हुए जामुन के रस को मुंह में भरकर अच्छी तरह धुमाकर कुल्ला करने से पाइरियां ठीक होता है।
जामुन के अन्य फ़ायदे :-
जामुन का नियमित सेवन करने से शरीर में खून की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।
जामुन का रोजआना सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट संबंधी सारी बीमारियां दूर होती है।
जामुन को पेस्ट चेहरे पर लगाने से सफेद दाग या दाग धब्बे हल्के होते है।
जामुन के सिरके का दिन में 1 से 2 बार खाली पेट सेवन करने से एसिडिटी, अपच और पेट में मरोड़ जैसी समस्या से लाभ मिलता है।
जामुन में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होतें है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है।
हृदय के लिए जामुन खाने से यह रक्त को पतला करता है, जिसके कारण हार्ट ब्लोकेज और स्ट्रोक की सम्भावना कम होती है।
जामुन का सेवन याद्दाश्त बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता हैं।
जामुन के सेवन से कैंसर से भी बचा जा सकता हैं।
पथरी या किडनी स्टोन होने पर पके हुए जामुन के फल को खाने से पथरी गल कर बाहर निकल जाती है।
गठिया बाय के दर्द में जामुन की जड़ को उबाल कर और पीस कर जोड़ों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
जामुन का चूर्ण रोज चाटने से आवाज साफ और सूरीली बनती है।
जामुन के पेड़ की छाल बारीक पीस कर घाव पर छिड़कने से घाव तुरंत भर जाता है।
नियमित रूप से जामुन का सेवन हमारे शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।
जामुन से होने वाले नुकसान :-
जैसे जामुन हमारे लिए फायदेमंद है वैसे ही इसका अधिक सेवन नुकसान दायक है।
ज्यादा मात्रा में जामुन का सेवन करने से शरीर में दर्द और बुखार आने की सम्भावना हो सकती है।
दूध पिलाने वाली महिलाओं को जामुन का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए अन्यथा नुकसान हो सकता है।
जामुन का खाली पेट सेवन आतों को नुकसान पहुचाता हैं, इससे पेट भी खराब हो सकता है।
जामुन का अधिक मात्रा में सेवन फेफड़ों के लिए परेशानी पेदा कर सकता है।
दूध पीने के बाद कभी भी जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे एलर्जी जैसी सम्भबंधी बीमारी का खतरा हो सकता है।
जामुन का सिरका
जामुन का सिरका शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
जामुन को सिरका बनाने की विधी
दो किलो पके हुए जामुन ले अच्छी तरह धो कर सुखा ले।
सूखने पर एक भीगोने में जामुनों को अच्छी तरह मसल कर गुठलीया अलग कर दे।
अब बाकी के गुदे को अच्छी तरह मसल कर कपड़े में छान ले।
एक काच का जार या बोतल को अच्छी तरह धो कर सुखा लें।
ध्यान रहे कि बोतल या जार में पानी बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
अब जामुन के रस को बोतल या जार में भरकर टाईट से बंद कर के रख दे।
डे़ड से दो महीने बाद सिरका बन कर तैयार हो जाए गा।
जामुन के सिरके के फायदे :-
जामुन का सिरका एक चम्मच एक गिलास पानी में मिलाकर नाशते के साथ लेने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
बदलते मौसम में खांसी जुकाम से परेशानी होती है, खासकर सूखीं खांसी आजकल करोना के काल में खांसी पर जोर दिया गया है।
आप को खांसी है तो आप जामुन का सिरका पिये यह आपके कप को सुखा कर खांसी को ठीक करता है।
जामुन का सिरका पेट के कई रोगों को जड़ से खतम करता है।
गैस, पेट दर्द, कब्ज आदि में जामुन का सिरका लाभ पहुँचाता है।
अगर किडनी में स्टोन हो तो जामुन का सिरका पीने से स्टोन टूट कर निकल जाते हैं।
एक गिलास पानी में जामुन का सिरका मिलाकर पीने से उल्टी में भी फायदा होता है।
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