{ एक अनार सौ बिमार }
भारत में एक कहावत प्रचलित हैं एक अनार सौ बिमार यानी एक अनार से सौ बिमरीयों का इलाज किया जा सकता है। अनार का छिलका जितना कठोर होता है, अंदर से उतना ही मुलायम, स्वादिष्ट, और मिठा हौता है। अनार एक तरह का सुपर फूड़ है। अनार के फल, फूल, पत्ती सभी सेहत के लिए फायदेमंद होते है। विटामिन और खनिजों की भरपूर मात्रा होने के कारण यह कई तरह कि बिमारीयों को ठीक करने में अत्यनत लाभकारी होता है। डाॅक्टर भी कमजोरी दूर करने के लिए रोगी को आनार खाने कह सहलाह देते है। अनार का रस शरीर की प्रतिशा प्रणाली को मजबूत और कैंसर जैसे घातक बीमारी को ठीक करने में मदद करता है। इसमें लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, फोलेट, मैंगनीज, जिंक जैसे और भी अन्य पोषक तत्व मौजूद हैं। हवा, पित्त, कफ, की वजह से शरीर में हुए असंतुलन को ठीक करता है, हीमोग्लोबिन के गठन को बेहतर बनाता है। आए इस चमत्कारी अनार के अन्य गुण और फायदे जाने।
हृदय रोगों के लिए :-
अनार में और फलों या फलों के जूस की अपेक्षा एंटीआँकक्सीडेंट की मात्रा अधिक पाई जाती है। जो धमनियों में कोलेस्ट्रॅाल के स्तर को कम करता है, जिससें हृदय रोग की संभावना कम होती है। अनार का सेवन से बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रिन करने में मदद मिलती है। अनार का नियमित सेवन करने वाले व्यक्तियों में अन्य की अपेक्षा ब्लड प्रेशर होने की संभावना 12 प्रतिशत तक कम होती हैं। हृदय रोग के लिए अनार के बीज का तेल सारे लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अनार का सेवन हृदय स्वसस्थ्य को बनाए रखने के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
डायबिटीज रोगों के लिए :-
डायबिटीज यानी बढ़े हुए शुगर की समस्या में भी अनार के फायदे हो सकते है। जो लोग डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त हैं, उनके लिए अनार बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। अनार में मौजूद एलेजिक, गैलिक व ओलियानोलिक एसिड़ के कारण अनार एंटीडायबिटिक गुण शरीर में विकसित करने की क्षमता रखता है। एक शोध में यह प्रमानित हुआ है कि अनार के रस में काफी मात्रा में एंटीआंकक्सीड़ेंट पाॅलीनाॅक होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते है।
कैंसर से बचाव :-
कैंसर के बचाव के लिए भी अनार के गुण सहायक साबित हो सकते हैं। क्योंकी अनार के गुण छोटी-छोटी बिमारियों से ही नहीे बल्कि यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से लड़ने में भी सक्षम हैं। अनार में मौजूद एलेगिटैनिंस और गैलोटैनिंस नामक पाॅलीफिनोल्स तत्वों के कारण यह कैंसर पैदा करने वाले घातक टयूमर के विकास को कम करने में मदद मिलती है। अनार का सेवन प्रोस्टेट, फेफड़े, स्तन कैंसर एवं स्किन कैंसर की रोकथाम अत्यंत लाभकारी हो सकता है। इस लिए अनार का सेवन अपनेे दैनिक आहार में अवश्य शामिल करें। अनार कैंसर से बचाने में सक्षम तो हैं पर अगर कोई इससे ग्रसत हैं, तो डाॅक्टर से संपूर्ण इलाज करवाना जरूरी है।
पाचन तंत्रं के लिए :-
गैस्ट्रोंइंटेस्टाइनल टैक्ट मानव शरीर में पाचन तंत्र का एक अहम हिस्सा हैं। अनार में फाइबर व अन्य जरूरी पोषक तत्व भी होते है जो अच्छे पाचन तंत्र के लिए अवश्यक होते है, सीमित मात्रा में अनार का सेवन कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। अनार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे गैस्ट्रोंइटेस्टाइनल टैक्ट में आई समस्या को ठीक कर सकने की सक्षमता रखता है। अनार में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी पाया जाता है जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। पाचन तंत्र को सही रखने के लिए 100 ग्राम सूखा अनारदाना, सोठ, काली मिर्च, पीपल, दालचीनी में 50-50 ग्राम तेजपत्ता और इलाइची मिला कर इनका चूर्ण बना लें। इसमें इतनी ही मात्रा में खांड़ मिला लें, इसे शहद के साथ दिन में दो बार 500 मिग्राम से 1ग्राम का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है।
हड्डियों के लिए :-
अगर आपको हड्डियों और जोड़ों के दर्द की परेशानी हैं तो आपको अनार का सेवन शुरू कर दे। अनार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता हैं जो अर्थराइटिस जैसी बीमारी में फायदे मंद साबित हो सकता है। इसमें अच्छी मात्रा में आयरन, कैल्शियम होता हैं। अनार का सेवन जोड़ो में दर्द और सूजन को कम कर सकता है साथ ही गठिया रोग के कारण बनने वाले एंजाइम को भी नष्ट करने के लिए सक्षम है।
वजन घटाने के लिए :-
वजन कम करने के लिए अनार का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अनार और उसका अर्क बढ़ते हुए वजन को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है। अनार की पत्तियों में भूख को कम करने की क्षमता होती है। यह अधिक वसा युक्त भोजन के कारण बढ़ते वजन रोकने में मदद करती हैं। अनार में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो चर्बी को कम करने में सहायक होता है।
त्वचा के लिए :-
अनार का सेवन करने से त्वचा से संबंधित सूजन, त्वचा पर बढ़ती उम्र का प्रभाव और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में सहायक हो सकती है। अनार त्वचा के कई तरह की समस्या को ठीक करने में करता है क्योंकि इसमें विटामिन सी एवं एंटीआँकक्सीडेंट होता है। अनार रूखी और तैलीय दोनों तरह की त्वचा के लिए फायदेमंद होता है, त्वचा को माॅइस्चारइजर प्रदान करता है, कोलेजन को बढ़ाकर त्वचा पर समय से पहले आने वाली झुर्रियों को रोकता है। अनार को पीसकर त्वचा पर होने वाले कील-मुंहासे और दाग-धब्बो पर लगाने से आराम मिलता है।
अनार के अन्य लाभ :-
अनार में अच्छी मात्रा में एंटीबायोटिक, एंटी आँकक्सीडेंट, एंटीवायरल गुण होता है जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने मेें मदद करता है।
अनार का रस गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद होता है। इसमें कई तरह के एंटीआँक क्सी गुण होते है जो गर्भावस्था अपरा की रक्षा करता है।
अनार का सेवन करने से स्मरण-शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है।
अनार एनीमिया से पीड़ित रोगियों के लिए एक संजीवनी बूटी के सामान है।
अनार शरीर में लौह की कमी को पूरा कर रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है।
अनार का जूस उलझे, रूखे, बेजान बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
अनार उन महिलाओं के अत्यंत फायदेमंद होता है जो गर्भवती होने का प्रयास कर रहीं हैं।
अनार में विटामिन सी और विटामिन के साथ-साथ फोलिक एसिड भी होता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को बढ़ावा देता है।
अनार के दानों को अन्य फलों के सलाद में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
अनार के दानों को कस्टर्ड, केक या आइस्क्रीम में ड़ालने से व्यंजन का स्वाद बढ़ जाता है।
अनार का सेवन सुबह-सुबह करने से दिन भर ऊजा बनी रहती है।
अनार के नुकसान :-
अनार में ब्लड शुगर को कम करने का गुण होता है। डासबिटीज की दवा के साथ इसका सेवन करने से लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है।
अनार का अत्यधिक मात्रा में लेने से गैस की समस्या हो सकती हैं।
अनार का सेवन करने से अगर एलर्जी, त्वचा पर खुजली व रेशेज होती है। तो अनार का सेवन नहीं करना चाहिए।
यदी आप बीपी की दवा लेते है तो आप को अपने डाॅक्टर से सलाह कर के अनार का सेवन करना चाहिए।
जिन लोगो को खांसी की समस्या हो रही है, उनको अनार नहीं खाना चाहिए।
जो लोग डाइट कर रहे है उनको अधिक अनार का सेवन नहीं करना चाहिए।
कुछ विशेष दवांए होती है जिनके साथ अनार लेने से शरीर पर हानिकारक प्रभाव होता है।
अनार के अन्य प्रयोग :-
अनार के 8से 10पत्तों को छाया में सुखाकर पीस कर मंजन बनाकर दांतों में करने से दांत हिलने बंद हो जाते है।
अनार की छाल का काढ़ा बना कर उसकी 2-2 बूंद नाक या कान में घाव हो गया तो डालने से लाभ मिलता है।
अनार के छिलके के छुहारे की पानी के साथ पीस कर नाक से लेने पर नाक में से खून आना बंद हो जाता है।
अनार के 5-6 पत्तों को पानी में पीसकर दिन में दो बार लेप करने से आखों के रोग ठीेक होते है।
अनार के पत्तों को पानी में भिगोकर पोटली बना कर अंाखों पर रखने से आंखों के रोग ठीक होते है।
10 ग्राम अनार के पत्ते, और 10 ग्राम हरा गोखरू को150 मिली पानी में पीस कर छान कर पीने से पेशाब संबंधी बीमारी में लाभ मिलता है।
अनार के पत्तों के 5-10 मिली ग्राम रस का सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
अनार फल के छिलके का चूर्ण, सोठ, तथा चंदन को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाये।10-20 मिली ग्राम काढ़ा में गाय का घी मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में फायदा होता है।
अनार के पत्तों को छाया में सूखा कर सेंधा नमक मिलाकर बारीक चूर्ण बना कर इसे 5-5 ग्राम की मात्रा में खाना खाने से पहले पानी के साथ सेवन करने से भूख बढ़ती है, और खाना ठीक से पचता है।
अनार के छाल का चूर्ण को मुंह में रगड़ने से या काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
अनार के 10ग्राम पत्तों को 500 मिली ग्राम पानी में उबाल कर जब पानी एक चैथाई रह जाये तो काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैै।
अनार के पत्तों को छाया में बारीक पीस कर छान कर चूर्ण बनाकर इसका 5-6ग्राम की मात्रा में सुबह छाछ के साथ पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है।
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