* बेल के फायदे और नुकसान *
बेल गर्मी के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए एक पावरफुल फल है। गर्मियों का मौसम आते ही कुछ तरह की बीमारिया जैसे लू लगना, दस्त, पेचिश हैजा की समस्या का खतरा अधीक होता है। बेल का शरबत हमें इन बीमारियों से बचता हैं, तथा शरीर को अन्दर से ठंड़ा रखता है। हिंदू र्धम में इसे एक पवित्र पौधा माना जाता है और पूजा में बेल के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। बेल का फल बाहर से जितना कठोर होता है, अंदर से उतना ही नरम और गुदे्दार होता हैं। गर्मियों के मौसम में सड़कों के किनारो पर और बाजार में जूस की दूकानों पर बेल का जूस असानी से मिलने लगता है। बेल को हम जूस के रूप में ज्यादा इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसे सीधा भी खाया जा सकता है। बेल में कैल्शियम, आयरन, फाइबर, फाॅस्फोरस, पोटैशियम, शुगर, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी और बीटा-कैरोटीन आदि पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैै। ये सभी पौषक तत्व शरीर को कई रोगों से बचाने में मददगार साबित होते हैं।
* बेल खाने का तारीका :-
बेल को आप कई तरह से खा सकते है। आप इसे जूस के रूप में ले सकते है, या फिर सीधा चम्मच से भी खा सकते है। आप बेल का मुरब्बा बना कर भी खा सकते है। जूस बनाने के लिए बेल के नरम गूदे को रात भर पानी में भिगोकर सुबह मिक्सी में गलेंड कर छान कर पीये। कुछ लोग इसके गूदे को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर उसका सेवन करते है। इसके अलावा बेल की पत्तियों का रस भी बहुत फायदेमंद होता है जो हृदय को मजबूत बनाये रखता है।
* कब्ज की समस्या के लिए :-
कब्ज की समस्या में बेल बहुत फायदा पहुचाती है। बेल का शरबत पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। बेल में क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है जो पाचन में मदद करने के साथ-साथ कब्ज की समस्या को दूर करने में भी काम आ सकता है। बच्चो को अगर पेट में हल्के दर्द की शिकायत होती है तो बेल के साथ थोड़ी चीनी मिला कर देने से आराम मिलता है। अगर मल के कठोर होने के कारण आपको कब्ज जैसी समस्या है तो आपको बेल के सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मल को सख्त करती है जिसके कारण कब्ज की समस्या और बढ़ सकती है।
* डायरिये के लिए फायदे मंद :-
डायरिया एक ऐसी समस्या है जिसके कारण पतले दस्त होते है। डायरिया और पेशिच के लिए बेल का सेवन सबसे ज्यादा फायदे मंद होता है। गर्मियों में गलत खानपान के कारण लूज मोशन, और डायरिया जैसी पेट संबंधित बीमारियां होने लगती है। बेल में एंटी-डायरिया गुण पाये जाते हैं जो हमें डायरिया से तो बचाते ही है साथ ही इससे होने वाले जोखिम से भी बचाते है। बेल के सेवन से डायरिया को 2 से 3 दिन में ठीक किया जा सकता है।
* आँखों को रक्खे स्वास्थ्य :-
आँखें हमारे शरीर का एक महत्व पूर्ण अंग है आँखों के द्वारा ही हम आसपास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आँखों को स्वस्थ रखने के लिए बेल का जूस फायदेमंद हो सकता है। बेल में विटामिन-ए की मात्रा पायी जाती है। विटामिन-ए का सेवन आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है।
* बवासीर के लिए :-
यदी आप बवासीर की समस्या से परेशान हैं तो बेल का फल आपके लिए किसी रामबाण औषिधि से कम नहीं होने वाला है। बवासीर की स्थिति में मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है जिसके कारण खुजली और दर्द जैसी सम्सया हो जाती है। बवासीर होने का मुख्य कारण कब्ज की समस्या शामिल हैं कब्ज के इलाज के लिए अच्छे फाइबर का स्रोत बेल के जूस में पाया जाता हैं। बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेल की जड़ो के गूदे को निकाल कर पीस ले और इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम ठंड़े पानी के साथ खाये। बेल के गूदे में सौंफ और सौंठ मिलाकर काढ़ा बना कर रोजआना सेवन करने से भी बवासीर में आराम पाया जा सकता है।
* लू से बचाव :-
गर्मियों के दिनों में लू लग जाना एक आम बात है इससे बचाव के लिए पूरी जानकारी होना आवश्यक हैं। ऐसे में बेल का जूस शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ शरीर को लू से भी बचाता है। बेल का जूस शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। गर्मियों में धूप में निकलने से पहले एक गिलास बेल का जूस पीकर निकलनें से लू लगने की स्मभावना नहीं रहती।
* कान दर्द के लिए :-
कान में दर्द और कान से तरल का स्राव होना एक आम समस्या है। बेल के उपयोग से कान के दर्द, कान का बहना और बहरेपन जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। कान का दर्द के लिए बेल की पत्तीयों को काटकर तिल के तेल में गर्म करें। अच्छी तरह पकने के बाद बेल के पत्तों को छान कर तेल को ठंड़ा कर ले ठंड़ा होने पर कान में कुछ बूंदे डालने से कान दर्द में राहत मिलती है। हालांकि कई बार कान में दर्द किसी और कारण से भी हो सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य ले।
* त्वचा के लिए :-
त्वचा के लिए बेल के तमाम फायदे देखे जा सकते हैं। अगर आप को स्किन रैश की समस्या है तो बेल के जूस का इस्तेमाल स्किन रैश को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। बेल के जूस में जीरा मिला कर जूस को पीने से स्किन रैश की समस्या से राहत पायी जा सकती हैं। बेल के रस को त्वचा पर लगाने से त्वचा पर हुए इन्फेक्शन की समस्या का दूर किया जा सकता है।
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* हृदय स्वास्थ्य के लिए :-
बेल का सेवन हृदय को स्वास्थ और दुरुसत बनाने के लिए भी किया जा सकता है। बेल में कार्डियोप्रोटेक्टिव का एक बढ़िया अच्छा स्रोत होता हैं, जो एजेंट की तरह सक्रिय रूप से कार्य करते हुए यह हृदय को कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। एक स्वस्थ हृदय की चाहत रखने वाले लोगों को बेल के पत्तों का काढ़ा बनाकर रोजआना अवश्य पीना चाहिए। बेल के जूस को देशी घी के साथ सेवन करने से हृदय से जुड़ी बिमारियों के खतरे से बचा जा सकता है।
* डायबिटीज के लिए :-
बाजार में मिलने वाले बेल का जूस में मैजूद शुगर की मात्रा आपको नुकसान दे सकती है, क्योंकि बाजार में लोग इसे और मीठा करने के लिए अक्सर थोड़ी मात्रा में चीनी मिला देते है। डायबिटीज के मरीजों को बेल के जूस से परहेज करना चाहिए। लेकिन बेल के पत्तों का सेवन डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। बेल के पत्तों में मौजूद एंटी डायबिटिक गुण ब्लड़ शुगर के लेवल को कम कर सकते हैं। बेल के पत्तों को पीसकर उनका रस निकाल कर दिन में दो बार रोजआना सेवन करने से डायबिटीज जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं।
* बेल से होने वाले नुकसान :-
बेल खाते समय इसके बीज को निकाल कर खाये, नही तो इसके बीज गले में फंस सकते हैं।
बेल में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है, अधिक मात्रा में इसका सेवन किडनी स्टोन की समस्या कर सकता है।
बेल में शुगर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, इसका अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज के लिए हानीकारक हो सकता है।
बेल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा होने के कारण किडनी के मरीजों को इसका सेवन नुकसान दे सकता है।
अधिक मात्रा में इसका सेवन पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
अधिक मात्रा में इसका सेवन शुगर लेवल के स्तर को कम कर सकता है।
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