करेला और करेले का जूस तीखा जरूर पर फ़ायदे अनेक,
करेला अनेक बीमारियों जैसे-पाचनतंत्र की खराबी, भूख की कमी, पेट दर्द, बुखार, और आंखो के रोग, सब रोगों में लाभ पहुचाता है। करेले करेला स्वाद में भले ही कड़वा और थोड़ा सा तीखा होता है, लेकिन इससे होने वाले फायदे जरूर मीठे होते है। करेला का सेवन से कमजोरी दूर होती है, जलन, कफ, सांसों से संबन्धित विकार, मधुमेह, चिड़चिड़ापन, बावासीर आदी में फायदा मिलता है। करेला का नाम सुनते ही मुह में कड़वेपन का स्वाद आ जाता है। करेले की सब्जी का स्वाद भले ही मन को अच्छा न लगे पर इसमें ढ़ेरों एंटीआँक्सीड़ेंट , नूट्रिशनल वैल्यूः, विटामिन ए, बी, सी पाए जाते हैं। इसके अलावा कैरोटीन, बीटाकैराटीन, लूटीन, आइरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज जैसे फ्लावोन्वाइड भी पाये जाते है। करेले का सेवन हम कई रूपों मे कर सकते हैं। इसका जूस पी सकते है, आचार बना सकते हैं या फिर इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप मे कर सकते है। छोटा करेला बडे़ करेले की तुलना मे ज्यादा गुणकारी होता है। बड़े करेले के सेवन से प्रमेह, पीलिया और आफरा में लाभ मिलता है। कुछ लोग करेला कड़वा होने के कारण इसे खाना पसंद नहीं करते लेकिन यह शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है। स्वस्थ रहने के लिये शरीर को खटटे, मीठे, कसैले, तीखे,और कड़वे रसों की जरूरत होती है। इसमें से किसी भी रस के अभाव होने पर शरीर में विकार उत्पन्न होने लगते है। करेले का साग उत्तम पथ्य है। यह आमवात, वातरक्त, यकृत, प्लाहा, वृध्दि एवं जीर्ण त्वचा रोग में लाभकारी होता है।
डायबिटीज को कम करे:-
करेला एक ऐसी सब्जी है जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने की क्षमता रखती है। डायबिटीज के रोगियों को एक चैथाई कप करेले का रस में एक चैथाई कप गाजर का रस मिलाकर पिलाने से ब्लड शुगर का लेवल धीरे-धीरे कम होने लगता है। डायबिटीज के लिए रोजाना 200 मिलीग्राम करेले का रस पीने से ब्लड इंसुलिन हार्मोंप को भी बढ़ाया जा सकता है। सुबह के समय करेले का जूस पीना बहुत ही फायदे मंद होता है।
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कब्ज को दूर करेः-
करेले का सेवन अपच और पुरानी से पुरानी कब्ज को दूर करता हैं। करेले में फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है। करेेले के नियमित सेवन से कब्ज के साथ-साथ एसिडिटी, छाती में जलन और खट्टी डकारों से भी छुटकारा मिलता है। करेले में फाइबर के गुण भी होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। करेले की सब्जी बहुत फायदेमंद होती है, इसकी सब्जी खाने वालो को कभी कब्ज नहीं होती, और भूख भी खुलकर लगती है।
करेले की तासीर गर्म होती है।
करेले का अधिक सेवन नुकसानदायक होता है।
करेले का आचार भी बनाया जाता है।
करेले को किसी भी सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है।
करेले का जूस पीने से लीवर की सारी समस्याएं समाप्त होती है।
करेले की पत्तियों को पानी में उबाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
करेले के आधा कप रस में आधा चम्मच शक्कर मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।
गठिया व हाथ पैरों में जलन होने पर करेले के रस की मालिश करने से लाभ मिलता है।
बच्चों को करेला जरूर खाना चाहिए इससे उनकी याददाश्त और आंखें दोनो को लाभ मिलता है।
करेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और पीलिये में फायदा मिलता है।
करेले का जूस चेहरे के दाग-धब्बे, मुहाँसे, और स्किन इंफेक्शन से भी छुटकारा दिलाता है।
करेले में एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक सर्दी-खाँसी से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
करेले की पत्तियों का रस एक बड़ा चम्मच को एक गिलास छाछ में मिलाकर पीने से पेट मे कीड़ों से छुटकारा मिलता है।
दमा होने की स्थीती में बिना मसाले की छौंकी हुई करेले की सब्जी खाने से लाभ मिलता है।
करेले का रस पीने से पथरी आसानी से गल कर निकल जाती हैं।
करेले की ताजी पत्तियों को पीस कर माथे पर लगाने से सिरदर्द मे आराम मिलता है।
करेले के रस का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्राॅल और ट्राइग्लिसराइड्स लेवल में कमी आती है।
करेले की पत्तियों के रस में थोड़ी सी मुलतानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बना कर मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।