पेठा बनाये तन्दुरुस्त
पेठा एक तरह की सब्जी है जो बेल पर लगती हैं। सफेद पेठे को उगाने के लिए साफ-सुथरी जमीन की आवश्यकता होती हैैै। पेठे को ज्यादा तर सब्जी बनाने में इ्रस्तेमाल किया जाता है। सफेद पेठे छोटे और बड़े तथा गोल-लम्बे अनेकों किस्म के होते हैं। पेठे से मिठाई, करी भी बनाई जाती है। आगरा का पेठा, नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। पेठा मुंह का स्वाद तो बढ़ाता है,साथ ही यह हमारी सेहत को स्वस्थ रखने में बढ़ी भूमिका निभाता है। सफेद या भूरे सफेद का उपयोग हलुआ और मिठा पेठा बनाने में होता है। साग-सब्जियों में लाल पेठा तथा औषधियां बनाने में सफेद या भूरे सफेद पेठे का प्रयोग होता है। पेठे का जूस पेट से जुड़ी स्मस्याओं में किया जाता है। पेठे के सेवन से उन्माद व मानसिक समस्याएं दूर होती हैं और पाचनशक्ति बढती हैं।
वजन और मोटापा कम करने के लिए :–
जो लोग अपना मोटापा और वजन कम करना चाहते है उन्हें पेठा खाना चाहिए। पेठे में मौजूद फाइबर सामग्री और कम कैलोरी आपके वजन को कम कर सकती है। पेठे में एनोरेक्टिक्स गतिविधि पाई जाती है, जो भूख को शांत रखती है। जिसके कारण आप के कारण आप के बार-बार खाने की इच्छा में कमी आती है, यह भी आपके वजन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। पेठा मिठाई कद्दू से बनता है और कद्दू में 95 प्रतिशत पानी होता है। यह अधिक कैलोरी युक्त होता है जो वजन को कम करने में मदद करता हैं।
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बवासीर के लिए :–
भोजन के बाद मिठा पेठा खाने से गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर होती हैं। गैस और कब्ज दोनों पेट संबंधी समस्याओं के लिए सफेद पेठे का उपयोग किया जा सकता है। पेठे में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव व एंटीआक्सीडेंट गुण होने के कारण यह कब्ज और गैस की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। पेठे के सेवन से बावासीर में आने वाला खून भी कम हो जाता है। बावासीर का उपचार करने के लिए दो चम्मच पेठे का पेस्ट, एक चम्मच गुड का चूरा, एक चम्मच तिल के बीज ओर आधा चम्मच हरीतकी सब का पेस्ट मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन तब तक करें जब तक लाभ प्राप्त नहीं होता है। यह मल त्याग के साथ खून बहने की समस्या को दूर कर बावासीर के प्रभाव कम करता है।
हृदय रोगों से बचाव :–
रक्तचाप के बढ़ने पर हृदय संबंधी समस्या उत्पन्न होना आम है। पेठे में पौटेशियम और विटामिन सी अच्छी मात्रा पाई जाती है। पोटेशियम एक वासोडिलेटर के रूप में काम करता है यह रक्तकौशिकाओं और नसों में तनाव को कम करके रक्तचाप को कम करता है। हृदय के रोगों में पेठे का रस प्रतिदिन दो बार पीने से लाभ होता है। यह हृदय समस्याओं और कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता हैं। पेठे एंजाइना का दर्द तुरंत दूर करता है, रूकी हुई धकनियों को खोलता है।
पथरी के लिए :–
मूत्राशय, गुर्दे और पित्त की थैली की पथरी को पेठा बाहर निकालता है। जिन व्यक्तियों को पेशाब रूक-रूक कर आता है या पथरी की समस्या हैै तो पेठे के बीजों को पीसकर पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद साबित होता है। पेठे के एक गिलास रस में थोड़ा सा जवाखार और हींग मिलाकर दिन में दो बार पीने से पथरी निकल जाती है। पेठे में विटामिन-बी, और सी पथरी रोग में लाभ पहुंचाता है। पेठे की सब्जी में गुड़ मिलाकर खाना पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
पेठे के कुछ अन्य लाभ :–
पेठे का सेवन अग्नाशय को ठीक करके डायबिटीज के रोगों में लाभ करता है।
लगभग 5ग्राम पेठे का चूर्ण गर्म पानी के साथ खाने से पुरानी से पुरानी खाँसी खतम हो जाती है।
पित्त विकार में दो पेठे के टुकड़े रोजाना खाने से लाभ मिलता है।
पेठे का सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है और गर्मी से भी बचाता हैं।
भोजन के बाद मिठा पेठा खाने से शरीर मजबूत और ताकतवार बनता है।
पेठा खाने से बवासीर और कब्ज जैसे रोग ठीक हो जाते है।
पेठे का रस का सेवन करने से साइटिका और आधेसिर के दर्द में लाभ मिलता है।
पेठे का रस पीने से मूत्र संबंधित बीमारियां जैसे पेशाब मे जलन आदि दूर होते है।
पेठा खाने से दमा के रोगी का इन्हेलर का प्रयोग छूट जाता है।
अधिक मात्रा में पेठे का सेवन करने से एलर्जी होने के आसार हो सकते है।
ज्यादा बुखार या खाँसी होने पर पेठे का सेवन ना करें।
आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आप जानकारी के लिए दिए गए हैं, और इसे आजमाने से पहले किसी पेशवर डाक्टर या वैघ की सलाह जरूर लें धन्यवाद।
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