{आलूबुखारा एक गुणकारी फल }
आलूबुखारा एक बहुत ही स्वादिष्ठ फल है। यह इंग्लीश में प्लम के नाम से जाना जाता है। आलूबुखारे का पेड़ 4 से 5 मीटर ऊँचा होता है। यह ग्रीस और अरब देशो के आसपास के क्षेत्रों में बहुत होता है। भारतर्वष में भी आलूबुखारे की खेती होने लगी है। आलूबुखरे को ताजा या सुखाकर भी खाया जा सकता हैं, अच्छी तरह पकने पर यह फल खट्टा, मीठा, रूचिकर और शरीर को फायेदा पहुचाने वाला होता है। इसके सेवन से हाइब्लड प्रेशर, स्ट्रोक रिस्क आदि कम हो जाते हैं, शरीर में आयरन की मात्रा भी बढ़ जाती है। परन्तु इन्हे ज्यादा खाने से वायु रोग और दस्त आदी हो सकते है। आईए जाने इसके अन्य फायदें।
वजन कम करने के लिए :-
आलूबुखारे का सेवन करके आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। क्योंकि आलूबुखारे में कैलोरी बहुत ही कम होती है, जिसके कारण फैट भी नहीं बढ़ता है शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। फाइबर कीे मात्रा भरपूर होने के कारण यह वजन को कम करने में सहायक होता है, इसमें सुपरआॅक्साइड उग्र होता है, जिसकी मदद से शरीर की चर्बी को कम किया जा सकता है।
आँखों के लिए :-
आलूबुखारा में मौजूद विटामिन ए हमारी आँखों के लिए अच्छा माना जाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अक्सर लोगों को आँखों की परेशानीयाँ होने लगती हैं ऐेसे में आलूबुखारा का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर जेक्सनथिन आँखों के रेटिना को मजबूत बनाने में मदद करता है। आलूबुखारा में विटामिन के और विटामिन बी6 पाई जाती हैं, जो आँखों में होने वाली परेशनियों को कम करने में मदद करती है। आँखों के लिए ताजा आलूबुखारा या सूखा आलूबुखारा दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
इम्यूनिटी के लिए :-
करोना काल में शरीर में इम्यूनिटी पर ज्यादा जोर दिया गया है। जिन लोगों का इम्यूनस्सिटम कमजोर होता है, उनका शरीर किसी भी संक्रमण की चपेट में जलदी आ जाता है। आलूबुखारा इम्यूनिटी को बढ़ाकर शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाता है। ऐसे लोगों को जिनहें सर्दी-जुकाम की बहुत अधिक समस्या हैं आलूबुखारा का रोजआना सेवन करना चाहिए।
हड्डियों के लिए :-
आलूबुखारा हड्डियों के लिए भी बहुत फायदे मंद होता है। रोजआना 100ग्राम सूखा आलूबुखारा खाने से हड्डियों को कमजोर करने वाले कारणों को दूर किया जा सकता है। आलूबुखारा में विटामिन (के) पाया जाता है जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। विटामिन ( के ) महिलाओं के लिए लाभदायक होता है, जिससे महिलाओं के मीनोपाॅज पर कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है। इससे बोन मिनरल डेंसिटी में भी सुधार होता है। महिलाओं को अक्सर आॅस्टियोपोरोसिस होने की समस्या सामने आती है। आलूबुखारा का सेवन करने से आपकी हड्डियां मजबूत होती है और आपको आॅस्टियोपोरोसिस की बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा।
एंटीआँकक्सीड़ेंट से भरपूर :-
एंटीआँकक्सीडेंट से भरपूर आलूबुखारा हमारे शरीर को कई गंभीर बीमारीयों से बचाता है। आलूबुखारा में विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैरोटीनाॅयड व पाॅलीफेनॅाल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सभी एंटीआँकक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। एंटीआँकक्सीडेंट की कमी से शरीर में फ्री रेडिकल्स का खतरा बढ़ सकता है, इसकी वजह से आँखों के प्राकृतिक लेन्स खराब होना, अंधापन का होना, जोड़ो में सूजन, मस्तिष्क से जुड़ी समस्या और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए आलूबुखारा खाने से हम शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। पोटेशियम युक्त आलूबुखारा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस को बनाये रखता है।़
कोलेस्ट्राल को कम करे :-
आलूबुखारा के सेवन से कोलेस्ट्राॅल को कम करने में मदद मिलती है। आलूबुखारा में घुलनशील फाइबर होता है जो शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्राॅल पर नियंत्रत करता है। इसके रोतआना सेवन से खराब एल-डी-एल को कम किया जा सकता है। आलूबुखारा के सेवन से आंत भी दुरुस्त रहती है, और फैट भी आसानी से पच जाता है। इसका सेवन मोटापा घटाने और कोलेस्ट्राॅल को कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज के लिए :-
आलूबुखारा के सेवन से शरीर में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती है, रक्त में शुगर भी नियंत्रित रहता है। सूखे आलूबुखारा में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड शुगर के खतरे को कम करते हैं। डायबिटीज के लिए सूखे आलूबुखारा को आप स्नैक्स के तौर पर भी खा सकते हैं। आलूबुखारा मिठा होने के बावजूद ब्लड मे शुगर को नहीं बढ़ाता है। शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा उपाय है।
आंतो के लिए :-
आलूबुखारा का सेवन उन लोगों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है, जिन्हंे पेट से संबंधित समस्याएं होती है। आलूबुखारा में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए यह कब्ज को दूर करने में सहायक हो सकता हैं। सूखा आलूबुखारा में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग करने में होने वाली समस्या को दूर कर सकते हैं। आलूबुखारा में फ्रेंडली बैक्टीरिया होता हैं जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है, और इससे पेट में भारीपन भी नहीं होता तथा आंतो को भी आराम मिलता है। आलूबुखारा का सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया दरूस्त होती है।
आलूबुखारा के नुकसान :-
आलूबुखारा के अत्यधिक सेवन से आपको डायरिया भी हो सकता है।
सूखे आलूबुखारा का सेवन करने से गैस की समस्या हो सकती है।
आलूबुखारा में पोटैशियम की मौजूदगी सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, उल्टी जैसी समस्या हो सकती हैं।
जिन लोगों को गुर्दे या पित्तशय में पथरी की समस्या है उन्हें आलूबुखारे का सेवन नहीं करना चाहिए।
आलूबुखारा का अधिक सेवन पेट में सूजन, गैस और पाचन तंत्र की समस्याओं को पैदा कर सकता है।