* पपीता खाने के अनेक फायदे *
पपीता एक ऐसा फल है जो आसानी से कहीं भी मिल जाता हैं। भारत में पपीते को पुर्तगाली लेकर आए थे। पपीते का असली फायदा पाने के लिए हमेशा पका पपीता ही खाना चाहिए। इसे आप घर के आस-पास थोड़ी सी जगह होने पर आसानी से लगा सकते हैं। पपीते की खासयित है कि ये मौसती फल न होकर सालभर मिलता है। पपीता को कच्चा या पका दोनो अवस्थाओं में खाया जा सकता है। ज्यादा तर लोग नाश्ते और फ्रूट सलाद में पपीते का प्रयोग करते हैं। पपीते का रस प्रोटीन को आसानी से पचा देता है, इसलिए पपीता पेट एवं आँत संबंधी बीमारियों में बुहत ही लाभकारी होता है। पपीते में पाया जाने वाला विटामिन ’ए’ त्वचा और नेत्रों के लिए बहुत लाभकारी होता है। पपीते पर सेंधा नमक लगाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है पेट संबंधी सारे विकार समाप्त होते हैं, कब्जियत की समस्या दूर होती है। पपीता हृदय के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, वायु दोष नाशक होता है मल-मूत्र के विकार को ठीक करता है। इसके अलावा पपीते में अनेक औषधीय गुण पाये जाते है।
पेट संबंधी बीमारियों के लिए :-
पपीता खाने से पाचन शक्ति ठीक होती है पैट में गैस बनना, पेट फूलना, पेट में अफारा होना इन सभी विकारों से छुटकारा मिलता है। पपीते में पपेन नामक पाचन एंजाइम की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण यह पाचन प्रक्रिया को दरूसत करता है। पपीतें में बीटा कैरोटीन और विटामिन ’ई’ और ’सी’ अधिक मात्रा में पाया जाता है। पपीतें में मौजूद अधिक पानी और घुलनशील फाइबर हमारी पाचन क्रिया को आसान बनाता है। और हमारी आँतों को सही कर कब्ज को रोकने में मदद करता है।
कोलेस्ट्राल को करे कम :-
पपीता कोलेस्ट्राल के साथ-साथ वसा से भी मुक्त है इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है। पपीता में विटामिन ’सी’ और एंटीआँक्सीडेंटस से भरपूर होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जिसके चलते यह कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है। यह आहार डाइटिंग करने वाले लोगों के लिए एक उत्तम भोजन है। अगर आप स्वस्थ वजन को बनाए रखना चाहते है, तो आप कच्चे या पकाये हुए पपीते का नियमित रूप से सेवन करे।
झुर्रियों को करे दूर :-
पपीता कब्ज, ब्लोटिंग और पेट की समस्यांए दूर करने के साथ-साथ झुर्रियों को भी दूर करता है। अगर आप के होंठों पर झुर्रियां हैं तो पपीते को एक कटोरी में पीस लें और उसमें थोड़ा सा शहद मिला कर पेस्ट तैयार कर अपने होंठों पर लगाए आधे घंटे बाद पानी से धों ले। कुछ ही दिनों में आपके होठों की झुर्रियां गायब हो जायेगीं आपके होंठ मुलायम और खूबसूरत दिखाई देने लगेगे।
आँखों के लिए :-
प्रतिदिन पपीते का सेवन आपकी आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। क्योकि इसमें विटामिन ए,सी और ई होता है, जो हमारी आँखों के लिए एक अच्छा आहार है। इसमें मौजूद कैरोटीनाँयड ल्यूटिन और जेक्सैंटीन अधिक ऊर्जा वाले नीले प्रकाश से आपकी आँखों को बचाता है। यह नीला प्रकाश आपकी आँखों के रोटिना को नुकसान पंहुचा सकता है।
पीरियडस के लिए :-
महिलाओं में कई कारणों से मसिक र्धम संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है उन्हीं में से एक समस्या है मासिक स्राव या पीरियडस का अल्प मात्रा में होना। पीरियडस के दौरान जिन महिलाओं को दर्द की शिकायत रहती है, उन्हें पपीते का सेवन करना चाहिए। इससे जहां पीरियड साइकिल नियमित रहता है, पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से आराम भी मिलता है।
पपीते के कुछ अन्य लाभ :-
पपीता पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
पपीता में मौजूद फाइबर, पोटेशियम और विटामिन हृदय रोगों में लाभ पहुँचाते है।
आँखों के लिए तो ये रामबाण माना जाता है, यह आँखों की रौशनी को बढ़ाता है।
पीरियडस के दौरान अधिक दर्द होने पर पपीते का सेवन लाभ पहुँचाता है।
पपीते में पापेन और चयमोपपेन नामक दो प्रोटीन एंजाइम्स होते है, जो सूजन को कम करते है।
पपीता में मौजूद फाइबर और एंटी आँक्सीडेंटस आपके कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करते है।
पपीता आपके शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा कर आपकी इम्युनिटी बढ़ाता है।
पपीता खाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते है।
कच्चे पपीते का दूध, रूई में लपेटकर दांत में लगाने से दांत दर्द में आराम मिलता है।
लीवर की समस्या या पीलिया होने पर कच्चा पपीता खाने से लाभ मिलता है।
पपीता से होने वाले नुकसान :-
गर्भवती महिलाओं को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।
पपीता का अधिक सेवन पाचन समस्याओं में परेशानी कर सकता है।
थायराइड होने पर डाॅक्टर की सलाह के बिना पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए।
पपीता खाने से ब्लड शुगर अत्यधिक कम हो सकता है।
डायबिटीज होने पर पपीता खाने से पहले डाॅक्टर की सलाह अवश्य ले।
पपीता का अधिक सेवन गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है।
पपीता का अधिक सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में समस्या हो सकती है।
दस्त लगने पर पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए।
पपीता का सेवन एक साल से कम उम्र वाले शिशुओं नहीं कराना चाहिए।
वैसे तो पपीता कब्ज का प्राकृतिक उपचार है, परंतु इसका अधिक सेवन विपरीत प्रभाव भी ड़ाल सकता है।