गिलोय जीवन के लिए बरदान
गिलोय (अमृता) अर्थात कभी न सुखने वाली एक बड़ी लता होती है। इसपर पीले व हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते है। यह जिस पेड़ पर भी चढ़ती है, उस पेड़ के कुछ गुण अपने अन्दर समेट लेती है। इस लिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय को सबसे अच्छी मानी जाती है। बरसात के दिनोें में यह खूब फैलती हैै। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है। यह शरीर में हर प्रकारा के रोगों से लड़ने कि ताकत देती है, और शरीर को रोगमुक्त करती है। यह शरीर में वात, पित्त और कफ तीनो से होने वाली बीमारियों से शरीर को बचाती है। आज कल मार्किट में गिलोय वटी भी उपलब्ध है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ऐसे में हमें गिलोय वटी का सेवन करना चाहिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार गिलोय वटी का नियमित सेवन करें यह कोविड-19 समेत कई अन्य संक्रमण से बचाव में सहायक हैं।
इम्यूनिटी सिस्टम में सुधारः-
गिलोय का रस पीने से इम्यूनिटी सिस्टम मे सुधार आता है साथ ही यह शरीर में अति आवश्यक सफेद सेल्स की कार्य करने की क्षमता को बढ़ती है। लंम्बे समय से चलने वाले बुखार में यह काफी फायदा पहुंचाती है। यह शरीर में ब्लड प्लेट लेटस की संख्या को बढ़ाती है, तथा यह ड़ेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया से बचाती है। आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय मेें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने के गुण होते है।
डायबिटीज के लिए रामबाण:-
डायबिटीज के मरीजो के लिए यह रामबाण का काम करती है। जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हे 3से 4 इंच गिलोय के तने का रस तथा बेल के एक पत्ते के साथ थोड़ी सी हल्दी मिलाकर एक चम्मच रस का रोजाना सेवन करने से डायबिटीज पर नियन्त्रण पाया जा सकता है।
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पचन तंत्र को करे दरूस्त:-
गिलोय का रस नियमित रूप से पीने से हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है। आधा ग्राम गिलोय का पाउडर को आंवले के पाउडर मे मिलाकर या गिलोय के रस में गुड़ मिला कर नियमित रूप से पीने से कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। और हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत बनता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाए:-
आंखों से जुड़ी कई बिमारिया जैसे आंखों में चुभन, मोतिया बिंद और आँखों के आगे अंधेरा छा जाना इससे मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए 10 एम एल गिलोय के रस में एक ग्राम शहद और एक ग्राम सेंधा नमक अच्छी तरह से मिला कर इसे काजल की तरह आँखों में लगाने से आँखों की सभी परेशानी दूर होती हैं। इसके साथ गिलोय के रस में त्रिफला चूर्ण मिलाकर काढ़ा बनाले। 10-20 मिली ग्राम काढ़े में एक चम्मच शहद व एक ग्राम पिप्पली चूर्ण मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
त्वचा को रक्खे स्वस्थय:-
गिलोय त्वचा संबन्धी रोगों जैसे त्वचा पर होने वाले चकत्ते हों या चेहरे पर कील मुहांसों को दूर करने में सहायता करती है। उसके लिए गिलोय के तने का पेस्ट बनाकर चकत्ते व कील मुहांसो पर लगाने से बहुत लाभ मिलता है। गिलोय का काढ़ा बना कर शहद के साथ दिन मंे दो बार लेने से खांसी में आराम मिलता है।
गठीया बाय से आराम दिलाए:-
गठीया बाय से आराम गिलोय का काढ़ा और जूस दोनो ही प्रकार से फायदा होता है। यदी आप काढ़ा ले रहे है तो शहद मिला कर और अगर जूस ले रहे है तो 2 चम्मच जूस एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार लेने से आराम मिलता है। सोंठ के साथ सेवन करने से भी जोड़ों के दर्द मे आराम मिलता है।
ताजी गिलोय का फायदा:-
आज कल मार्किट में बहुत सी कंम्पनीयों के गिलोय वटी, और गिलोय पाउडर आ रहे है। आप उनका भी फायदा उठा सकते है, पर ताजी गिलोय सब से ज्यादा फायदा करती है। ऐसा पाया गया है तेज बुखार या डेगू से पलेट लेस कम होने पर ताजी गिलोय का 8-10 इंच तना पीस कर फ्रिज में रख कर मरीज को हर एक घण्टे बाद एक चम्मच गिलोय का रस देने से एक दिन में 15से20 हजार पलेट लेस का बढ़ना पाया गया है।
सावधानीयां –
लो ब्लड प्रेशर के लोगों को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए क्योकि यह ब्लड प्रेशर को कम करती है।
गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
गिलोय का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योकी इससे ऑटो इम्यूण बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 20 ग्राम से अधिक मात्रा में सेवन नहीें करना चाहिए।