Vikas Plus Health
No Result
View All Result
  • General Health
  • Santmt ki sakhiya
  • Suvichar in Hindi
  • Hast Mudra
  • Benifit of fruits
  • General Health
  • Santmt ki sakhiya
  • Suvichar in Hindi
  • Hast Mudra
  • Benifit of fruits
No Result
View All Result
Vikas Plus Health
No Result
View All Result
Home Santmt ki sakhiya

Santmt ki Sakhiya in hindi/Bukhare ka badsha Ibrahim Adham

Sudhir Arora by Sudhir Arora
December 10, 2021
Reading Time: 1 min read
1
Santmt ki Sakhiya in hindi/Bukhare ka badsha Ibrahim Adham

*  बुखारे का बादशाह इब्राहीम अधम *

शाहजादा बुखारा को परमार्थ का शौक हुआ। वह पकीरों की तलाश में रहने लगा। उसकी रोज सवाम न फूलों से तैयार होती थी। एक दिन अपने दो मंजिले मकान के ऊपर देखा क दो आदमी घूम रहे हैं। पुछा, भाई ! कौन हो ? उन्होंने कहा, हम सारबान हैं। कैसे आये ? कहने लगे कि हमारा ऊँट खो गया है। तब शाहजादे ने कहा, कभी ऊँट महलों में आते हैं ? जवाब मिला, कभी परमात्मा भी सवाम न फूलों की सेज पर मिलता हैं ? इतना सुनते ही विचार पलट गये, अपने मुल्क के फकीरों के पीछे परमात्मा की तलाश में फिरने लगा। लेकिन तसल्ली न हुई। हिन्दुस्तान में आया, बहुत ढूँढा लेकिन तसल्ली न हुई। आखिर वह काशी में कबीर साहिब के पास पहुँचा। कबीर साहिब के आगे अर्ज की कि मुझे शागिर्द बना लो। कबीर साहिब ने कहा कि तू बादशाह ! मैं एक गरीब जुलाहा ! तेरा मेरा गुजारा कैसे ? अर्ज की कि बादशाह बन कर तेरे द्वार पर नहीं आया हूँ। एक गरीब मंगता बन कर आया हूँ। परमात्मा के लिये मुझे बख्श लो। खैर ! औरतें नर्म दिल होती हैं, माता लोई ने जोकि कबीर साहिब की पत्नी थी, सिफारिश की तो उसे रख लिया।
अब जुलाहों के घर क्या काम होता है। नलियाँ बटना और ताना तानना। छः साल गुजर गये। माई लोई ने एक दिन कबीर साहिब से अर्ज की कि यह बादशाह और हम गरीब जुलाहे। जो हम खाते हैं वही यह खाकर चुप रहता है। इसको कुछ दो। कबीर साहिब ने कहा कि अभी इसका ह्नदय निर्मल नहीं हुआ। माई लोई ने कहा, जी ! इसकी क्या परख है ! इसका ह्नदय कैसे निर्मल नहीं ? कबीर साहिब कहने लगे, अच्छा ऐसा करो। घर का कूड़ा-करकट लेकर कोठे पर चढ़ जाओ। मैं इसको बाहर भेजता हूँ। जब यह जाने लगे तो सिर पर डाल देना और पीछे हट जाना और कान लगा कर सुनना कि क्या कहता है ? जब माई लाई ऊपर गई तो कबीर साहिब ने कहा, बेटा, मैं बाहर कुछ भूल गया हूँ; उसे अन्दर ले आओ। जब वह बाहर जाने लगा तो माई लोई ने कूड़े-करकट का टोकरा सिर पर डाल दिया, आप पीछे हट कर सुनने लगी। वह बोला, सख्त अफसोस, अगर बुखारा होता तो जो करता सो करता। माई लाई ने आकर कबीर साहिब को बताया कि जी ! ऐसा कहता था। कबीर साहिब ने कहा कि मैने जो तुझसे कहा था कि अभी ह्नदय साफ नहीं हुआ, नाम देने के काबिल नहीं हुआ।
छः साल और बीत गये। एक दिन कबीर साहिब ने कहा कि अब बर्तन तैयार हैं। माई लोई ने कहा कि जी, मैं तो कुछ फर्क नहीं देखती। जैसे आगे था, वैसा ही अब है। कबीर साहिब के घर साधु-महात्मा आते रहते थे। कई बार ऐसा मौका आता कि खाने-पीने को कुछ नहीं होता था तो चने खाकर सो रहना पड़ता था। माई लोई ने कहा कि जिस तरह वह पहले हमारे हुक्म से इनकार नहीं करता था, अब भी उसी तरह है। जो कुछ हम देते हैं खाकर सो रहता है। कबीर साहिब ने कहा कि अगर तू फर्क देखना चाहती है तो पहले तू घर का कूड़ा-करकट ले गई थी, अब जा और गन्दगी, पखाना, बदबू वाली गली-सड़ी चीजें इकटठी करके ले जा। जब गली से निकले सिर पर डाल देना। माइै लोई ने ऐसा ही किया। जब शाहजादा बुखारा बाहर निकला तो माई लोई ने, वह जो इकटठी की हुई गन्दगी थी, उस के सिर पर डाल दी। शाहजादा हँसा, खुश हुआ, उसका मुँह लाल हो गया। वह कहने लगा, शाबाश डालने वाले। तेरा भला हो। यह मन अहंकारी था। इसका यही इलाज था। माई लोई ने आकर कबीर साहिब को बताया कि जी ! अब तो वह ऐसा कहता था। कबीर साहिब ने कहा, मैं जो तुझसे कहता था कि अब कोई कसर बाकी नहीं है।
कबीर साहिब जैसा सन्त-सतगुरु, शाहजादे बुखारा जैसा शिष्य ज्यों-ज्यों नाम देते गये, रूह साथ-साथ ऊपर चढ़ती गई। फिर कबीर साहिब ने कहा, जा! अब जहाँ मरजी जाकर बैठ जा, तेरी भक्ति पूरी हो गई।
एक दिन दजला नदी के किनारे बैठे गुदड़ी सी रहा था। उसका वजीर शिकार खेलता-खेलता उधर आ निकला। बारह साल में शक्ल बदल जाती है। कहाँ बादशाही पोशाक कहाँ फकीर बाना। तो भी पहचान लिया। पूछा, तुम बादशाह इब्राहीम अधम हो ? जवाब दिया, हाँ। वजीर बोला कि देखो मैं तुम्हारा वजीर हूँ। तुम्हारे जाने के बाद मैंने तुम्हारे बच्चों को तालीम दी। शस्त्र-विद्या सिखाई; पर कितना अच्छा हो कि तू मेरा बादशाह हो और मैं तेरा वजीर रहूँ। कुछ दिन आराम से काटे। यह सुन कर इब्राहीम अधम ने जिस सूई से वह गुदड़ी सी रहा था, वह सूई नदी में फेंक दी। कहने लगा कि पहले मेरी सूई ला दो, फिर मैं तुम्हें जवाब दूँगा। वजीर कहने लगा कि मुझे आधे घण्टे की मोहलत दो मैं तुम्हें लाख सुईयाँ ला दूँगा।  कहने लगा कि नहीं। मुझे तो वही सूई चाहिये। वजीर ने कहा, यह तो ना-मुमकिन है। इतना गहरा पानी बह रहा है, वह सूई नहीं मिल सकती। यह सुनकर इब्राहीम अधम ने वहीं बैठे हुए तवजह दी, एक मछली सूई मुँह में लेकर ऊपर आई। इब्राहीम अधम ने कहा कि मुझे तुम्हारी बादशाही को लेकर क्या करना है। मैं अब उस बादशाह का नौकर हो गया हूँ, जिसके अधीन सारे खण्ड-ब्रह्याण्ड, कुल लौ-लाक हैं। जा ! लड़के जानें या तू जान।
नाम बहुत बड़ी दौलत है, जिसको पाकर फकीर सात बादशाहितों को लात मार देता है। नाम की कमाई कोई मजाक है ? गुरु नानक साहिब ने ग्यारह साल रोड़ो का बिछौना किया। गुरु अमरदास जी ने बारह साल पानी ढोया। ह्नदय जितना पवित्र होता है, नाम उतना जल्दी ही असर करता है।

RELATED POSTS

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Prbhu ki ichcha

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Andha or bhulbhuleya

जंगल से रास्ता / jngal se rasta

* राधा स्वामी जी *

SendShareTweet
Sudhir Arora

Sudhir Arora

Related Posts

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Prbhu ki ichcha
Santmt ki sakhiya

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Prbhu ki ichcha

May 6, 2025
Santmt ki sakhiya

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Andha or bhulbhuleya

February 18, 2025
Santmt ki sakhiya

जंगल से रास्ता / jngal se rasta

January 25, 2025
Santmt ki sakhiya

मनोज और भूखे भेड़िये / manoj or bhukhe bhadiye

January 25, 2025
Santmt ki Sakhiya in hindi/ sab ishwer ki kripa hay
Santmt ki sakhiya

Santmt ki Sakhiya in hindi/ sab ishwer ki kripa hay

July 20, 2023
Santmt ki Sakhiya in hindi/ Badsaha ka khali haath
Santmt ki sakhiya

Santmt ki Sakhiya in hindi/ Badsaha ka khali haath

May 26, 2023
Next Post
Santmt ki Sakhiya in hindi/sadhe char tke

Santmt ki Sakhiya in hindi/sadhe char tke

Santmt ki Sakhiya in hindi/mujhe matha taek lene do

Santmt ki Sakhiya in hindi/mujhe matha taek lene do

Comments 1

  1. Sudhir Arora says:
    4 years ago

    राधा स्वामी जी

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

Santmt ki Sakhiya in hindi/Sab Ishwer ki kripa hay

Santmt ki Sakhiya in hindi/Sab Ishwer ki kripa hay

December 20, 2021
प्रेरणादायक मिलीजुली सखियाँ / mix sakiya

सन्तमत विचार हिंदी में / Santmt Vichar in hindi

July 17, 2023
General Health / Benefits Of Radish

General Health / Benefits Of Radish

December 30, 2022

Popular Stories

  • Santmt ki Sakhiya in hindi / Kuuda mer gaya

    Santmt ki Sakhiya in hindi / Kuuda mer gaya

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Santmt ki Sakhiya in hindi/ Jahaj ka tufan se bchaw

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • सन्तमत विचार हिंदी में / Santmt Vichar in hindi

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Santmt ki Sakhiya in hindi/ मरदाने का भोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Super Collection of Suvichar in hindi | सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिंदी में पढ़ें

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • General Health
  • Santmt ki sakhiya
  • Suvichar in Hindi
  • Hast Mudra
  • Benifit of fruits

© 2022 Vikas Plus

No Result
View All Result
  • General Health
  • Santmt ki sakhiya
  • Suvichar in Hindi
  • Hast Mudra
  • Benifit of fruits

© 2022 Vikas Plus

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?