* मँगते से क्या माँगना ? *
एक बार अकबर बादशाह आगरा के आस-पास के गाँव में घुड़सवारी करता-करता सैर को निकला। जब उसे भूख लगी तो एक जमीदार के कुएँ पर चला गया। उसने साधारण सवार समझ कर घोड़ेे को बाँध दिया और बादशाह को कुछ खाने-पीने को दिया और उसे आराम देने का यत्त्न किया । अकबर जाते समय उससे बोला, देख चौधरी ! मैं बादशाह हूँ। अगर तुम्हें कोई काम पड़े तो मेरे पास आ जाना।मुझे तुम्हारी मदद करके ख़ुशी । उसने कहा, मुझे क्या काम ? जमीन का लगान तो हम अदा कर ही रहे हैं।
बादशाह चला गया। मालिक की कुछ ऐसी मौज हुई , कुछ समय बाद जमींदार को कोई काम पड़ गया।उसने सोचा कि बादशाह मेरी समस्या का हल निकाल देगा। शहर में गया, बादशाह को खबर कराई। बादशाह ने उसे अंदर बुला लिया। उस समय बादशाह नमाज पढ़ रहा था। नमाज के बाद बादशाह ने हाथ उठा कर दुआ माँगी। चौधरी सब कुछ देख रहा था। जब बादशाह नमाज से फारिग हुआ तो जमींदार को देखकर उसका स्वागत किया और पूछा की कैसे आना हुआ ? जमींदार ने आजिजी से पूछा, कृपया मुझे बतायेंगे कि आप क्या कर रहे थे ? बादशाह ने कहा कि खुदा से दुआ माँग रहा था कि मेरा अमुक काम हो जाये, मेेरे राज्य में शान्ति रहे, वगैरह-वगैरह। यह सुन कर जमींदार ने कहा, ‘धन्यवाद! तो मैं जाता हूँ। बादशाह ने पूछा, क्यों क्या बात है ?तुम किसी काम के लिए नहीं आये थे ? कहने लगा, ‘हाँ , आया तो था पर, मैं भी उसी से माँग लूँगा जिससे आप माँगते हैं ! बेशक आप बादशाह हैं, पर मैंने देखा है कि आप भी मँगते ही हैं।
मँगतो से माँगने का क्या लाभ ! अगर माँगना ही है तो परमात्मा से माँगना चाहिए ।
मंगतो से माँगना किस काम का।
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* दरवाजे ही खोल दिये *
जिस तरह जेलखाने में कुछ कैदी हों, उनकी दुःखी हालत देख कर कोई परोपकारी आता है और यह सोच कर कि इनको ठण्डा पानी नहीं मिलता, दस-बीस बोरियाँ चीनी की और कुछ बर्फ मिला कर ठण्डा पानी पिला कर उनको खुश कर जाता है। एक दूसरा आता है और यह देख कर कि उनको अच्छे गेहूँ की रोटी नहीं मिलती, बाजरा खाते हैं, हजार दो हजार मन मिठाई मँगवा कर खिला देता है। कैदी खुश हो जाते है। इसी प्रकार तीसरा परोपकारी आता है और यह देखता कि उनको अच्छे कपड़े नहीं मिलते, बल्कि मोटे मिलते हैं जिनमें जूएँ पड़ जाती हैं, वह अच्छे नये कपड़ों की पोशाकें बनवा कर पहना देता है। कैदी खुश हो जाते हैं। उन सबने सेवा की लेकिन कैदी जेलखाने में ही रहे। हमें भी परोपकार करना चाहिये, लेकिन हमारा परोपकार किसी को चैरासी के जेलखाने से आजाद नही ंकर सकता। अब फिर इस जेलखाने की मिसाल की तरफ आओ। एक आदमी के पास जेलखाने की कुँजी है। उसने आकर सारे जेलखाने के दरवाजे खोल दिये और कैदियों से कहा कि जाओ अपने-अपने घरों को। सबसे अच्छा परोपकारी कौन है ? जिसने आजाद कर दिया। इसी तरह दुनिया के जेलखाने से आजाद होने की कुँजी नाम है। नाम पूरे गुरु से मिलता है।